Written By Prateek Sancheti |
देख लेना जब-जब कोई भूचाल आयेगा,
धरती माँ की सेवा मे एक लाल पायेगा,
चाहे मिटना पडे हमे कोई कुरवानी दे,
कोई हर्ज नही यह मेरी माँ को समर्पित हो
जायेगा।
देख लेना जब-जब कोई भूचाल आयेगा।
तेरे ऐहसानो का कर्ज तो चुका न पाऊँगा,
माँ लेकिन तेरे नगमो के लिये सच्ची दुनिय़ा
बनाऊँगा,
बस इसी पथ पर चलने की शक्ति दे कुदरत आपको,
हर अंग फिर गुलाब सा खिल जायेगा।
देख लेना जब-जब कोई भूचाल आयेगा।
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