Monday, 13 August 2012

पर्वराज पर्युषण पर सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाये।




अराधना की बेला मे,
अराधक मै बन जाऊँगा,
पर्वराज पर्युषण पर,
अहिंसा ही अपनाऊँगा।

पर्वो मे पर्व महान,
जैनो का है सिद्दांत,
पंच पर्मेष्टी की वाणी जिसमें,
वंदन कर उसमें झुक जाऊँगा।

पर्वराज पर्युषण पर,
अहिंसा ही अपनाऊँगा।

शत्रुंजय की पहाडी पर,
सच भगवान तुझको पाऊँगा,
श्रद्दा से जो पाया धर्म,
अब छोड कही मैं ना जाऊँगा।
  
तेरा शील देखकर,
मन-मोहित होता मालिक,
चरणो की दहलीज पर,
हर रात मै रुक जाऊँगा।

अराधना की बेला मे,
अराधक मै बन जाऊँगा,
पर्वराज पर्युषण पर,
अहिंसा ही अपनाऊँगा।

धन्यवाद
प्रतीक संचेती द्वारा

2 comments:

  1. Replies
    1. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद शास्त्री जी।
      प्रतीक संचेती

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