Saturday, 26 May 2012

जीवन क्या है?

Written By Prateek Sancheti



किसी ने पुछा यह जीवन क्या है?
मैने कहा कला है;
उसने कहा इसका शिक्षक प्रतीक बताओ कहाँ है?

पूछ-पूछ कर वह यह पूछ गया,
क्या मानव इसकी अदा है?
किसी ने पुछा यह जीवन क्या है?
मैने कहा कला है।

बात-बात में सारे पन्ने,
यह कवि खोल गया है;
मेने बोला बेटा पंछी यह तेरी आत्मकथा है।

कह गया वह मेरा जीवन,
आसमानो मे उड़ गया है;
मैने कहा भूल ना नादाँ वहीं रोचक हवा है;


किसी ने पुछा यह जीवन क्या है?
मैने कहा कला है।

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