Written By Prateek Sancheti |
कोई तो लिख दे मेरे
शब्दों को अपने शब्दों मे,
कोई तो कह दे मेरे
लव्जों को अपने लव्जों मे,
अरे! मेरे दीवानो जरा
मेरा भी तो दीदार करो,
कोई तो रख दे यह बात
मेरे बहते अश्को में।
कोई तो लिख दे मेरे
शब्दों को अपने शब्दों मे।
मैं तो तैर रही हुँ
अपने पंखों के वजूद पर,
कोई तो उड़ान भर दे
मेरे बहकते पंजो मे,
केष के जाल से मेरा
सारा निर्माण हुआ,
अब कोई तो बुरख दे
कागज का महल मिट्टी के वकतव्यों मे।
कोई तो लिख दे मेरे
शब्दों को अपने शब्दों मे।
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