Friday, 11 May 2012

मौन हवायें- शीतल अहसास

Written  by Prateek Sancheti
तु चुप क्यों बैठी है,
तेरी मुस्कान कौन पंछी ले उड गया;
मैं तेरे पास आ रहा,
मेरी जान तुझे कौन सा रंग चढ गया ।

तु किस पुकार में है,
मुख तेरा क्यों बधिर बन गया;
मेरी चाह तु इतनी बिखरी क्यों,
समुद्र से उड तेरा धर कहाँ बड़ गया ।


तु चुप क्यों बैठी है,
तेरी मुस्कान कौन पंछी ले उड गया ॥

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