Written by Prateek Sancheti |
तेरी मुस्कान कौन पंछी ले उड गया;
मैं
तेरे पास आ रहा,
मेरी
जान तुझे कौन सा रंग चढ गया ।
तु
किस पुकार में है,
मुख
तेरा क्यों बधिर बन गया;
मेरी
चाह तु इतनी बिखरी क्यों,
समुद्र से उड तेरा धर कहाँ
बड़ गया ।
तु
चुप क्यों बैठी है,
तेरी मुस्कान कौन पंछी ले
उड गया ॥
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